Niryat Rin Vikas Yojana Scheme Kya Hai

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निर्यात ऋण विकास योजना (Niryat Rin Vikas Yojana – NIRVIK Scheme): उद्देश्य, लाभ और सम्पूर्ण जानकारी

भारत सरकार ने समय-समय पर देश के निर्यातकों (Exporters) को प्रोत्साहन देने और उन्हें वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए अनेक योजनाएँ शुरू की हैं। इन्हीं योजनाओं में से एक है निर्यात ऋण विकास योजना (Niryat Rin Vikas Yojana – NIRVIK Scheme)। यह योजना विशेष रूप से छोटे और मध्यम स्तर के निर्यातकों के लिए बहुत सहायक मानी जाती है क्योंकि इसका उद्देश्य है सस्ती दरों पर ऋण (Loan) उपलब्ध कराना और निर्यात व्यापार में जोखिम को कम करना।

इस ब्लॉग पोस्ट में हम विस्तार से जानेंगे – निर्यात ऋण विकास योजना क्या है, इसकी आवश्यकता क्यों पड़ी, इसके क्या उद्देश्य और लाभ हैं, कौन इसका फायदा उठा सकता है, आवेदन प्रक्रिया क्या है और यह योजना भारत के निर्यात क्षेत्र को कैसे मजबूती प्रदान करती है।


निर्यात ऋण विकास योजना (NIRVIK Scheme) क्या है?

NIRVIK Scheme यानी Niryat Rin Vikas Yojana को भारत सरकार ने निर्यातकों के लिए शुरू किया है। इस योजना को भारतीय निर्यात ऋण गारंटी निगम (Export Credit Guarantee Corporation of India – ECGC) के तहत लाया गया है।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य है:

  • निर्यातकों को आसान और सस्ते ऋण (Easy and Affordable Credit) उपलब्ध कराना।
  • निर्यातकों को बैंकों से ऋण लेने पर उच्च बीमा कवर (High Insurance Coverage) प्रदान करना।
  • छोटे निर्यातकों (MSME Exporters) को विशेष सुरक्षा देना।
  • निर्यात प्रक्रिया में होने वाले डिफॉल्ट या जोखिम को कम करना।

सरल शब्दों में कहें तो यह योजना निर्यातकों और बैंकों दोनों के लिए सुरक्षा कवच (Safety Net) का काम करती है।


योजना की आवश्यकता क्यों पड़ी?

भारत सरकार ने निर्यात क्षेत्र की समस्याओं का गहराई से अध्ययन किया और पाया कि –

  • बैंकों की हिचकिचाहट: कई बैंक निर्यातकों को ऋण देने में हिचकिचाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि पैसा डूब सकता है।
  • MSME को कठिनाई: छोटे स्तर के निर्यातकों को ज्यादा ब्याज पर ही ऋण मिल पाता है।
  • जोखिम की संभावना: निर्यात कारोबार में विदेशी खरीदारों से भुगतान न मिलने का बड़ा खतरा रहता है।
  • अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा: चीन, वियतनाम जैसे देश अपने निर्यातकों को मजबूत क्रेडिट सपोर्ट देते हैं, जबकि भारतीय निर्यातकों के पास उतना सुरक्षा तंत्र नहीं था।

इन्हीं समस्याओं को देखते हुए सरकार ने NIRVIK Scheme की शुरुआत की।


निर्यात ऋण विकास योजना के मुख्य उद्देश्य

  1. निर्यातकों को सस्ते और पर्याप्त ऋण (Affordable & Adequate Credit) उपलब्ध कराना।
  2. निर्यात व्यापार से जुड़ी असुरक्षा (Risk) को कम करना।
  3. MSME Exporters को प्रोत्साहन देना।
  4. बैंकों को निर्यातकों को ऋण देने के लिए सुरक्षा कवच (Insurance Cover) प्रदान करना।
  5. भारत के निर्यात क्षेत्र को बढ़ावा देकर अर्थव्यवस्था को मजबूत करना।

NIRVIK Scheme की मुख्य विशेषताएँ

  1. 90% तक बीमा कवर: निर्यात ऋण पर बैंकों को 90% तक की गारंटी कवर दी जाती है।
  2. MSME के लिए लाभकारी: छोटे और मध्यम उद्योगों को प्राथमिकता दी जाती है।
  3. डिफॉल्ट से सुरक्षा: यदि निर्यातक भुगतान करने में असफल रहता है, तो बैंक को नुकसान नहीं उठाना पड़ता।
  4. सस्ते ब्याज दर पर ऋण: बीमा कवर मिलने के कारण बैंक कम ब्याज पर ऋण प्रदान करते हैं।
  5. सरल प्रक्रिया: ECGC के माध्यम से बैंकों को यह सुविधा आसानी से मिल जाती है।

योजना के लाभ (Benefits of NIRVIK Scheme)

1. निर्यातकों के लिए

  • कम ब्याज पर ऋण मिलना
  • विदेशी खरीदार से भुगतान न मिलने पर भी सुरक्षा
  • व्यापार बढ़ाने का अवसर
  • MSME को नए बाजारों में प्रवेश का मौका

2. बैंकों के लिए

  • ऋण पर डिफॉल्ट का डर कम
  • 90% बीमा कवर से जोखिम घटता है
  • ज्यादा निर्यातकों को वित्तीय मदद देने का अवसर

3. देश के लिए

  • निर्यात बढ़ने से विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि
  • रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी
  • अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत की स्थिति मजबूत

कौन लाभ उठा सकता है? (Eligibility)

  • भारत का कोई भी निर्यातक (Exporter)
  • MSME निर्यातक
  • बड़ी कंपनियाँ जो विदेशों में निर्यात करती हैं
  • वे संस्थान जिन्हें बैंकों से निर्यात ऋण (Export Credit) की आवश्यकता है

आवेदन प्रक्रिया (Application Process)

  1. इच्छुक निर्यातक को अपनी बैंक शाखा से संपर्क करना होगा।
  2. बैंक NIRVIK Scheme के अंतर्गत ECGC से गारंटी कवर के लिए आवेदन करेगा।
  3. आवश्यक दस्तावेज़ जैसे – निर्यात अनुबंध, कंपनी का पंजीकरण, GST विवरण आदि देना होगा।
  4. स्वीकृति मिलने पर निर्यातक को बैंक ऋण उपलब्ध कराएगा।

आवश्यक दस्तावेज़

  • निर्यात पंजीकरण प्रमाणपत्र (IEC Code)
  • कंपनी/फर्म का पंजीकरण दस्तावेज़
  • बैंक खाता विवरण
  • निर्यात ऑर्डर/अनुबंध
  • GSTIN और अन्य कर संबंधित दस्तावेज़
  • पहचान प्रमाण (PAN, Aadhaar)

योजना से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

  • इस योजना की शुरुआत वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में की गई थी।
  • इसे ECGC (Export Credit Guarantee Corporation of India) के माध्यम से लागू किया जा रहा है।
  • योजना का उद्देश्य है MSME Exporters को वित्तीय ताकत देना।
  • निर्यात में वृद्धि कर भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान देना।

निर्यात ऋण विकास योजना से MSME को लाभ

भारत के लगभग 40% निर्यात में MSME (Micro, Small and Medium Enterprises) का योगदान है। लेकिन सबसे ज्यादा वित्तीय दिक्कतें इन्हें ही आती हैं।

NIRVIK Scheme से –

  • MSME को बैंक से आसानी से लोन मिलेगा।
  • ब्याज दरें कम होंगी।
  • छोटे स्तर पर भी अंतरराष्ट्रीय व्यापार करना संभव होगा।
  • विदेशी बाजारों में भारतीय MSME की पकड़ मजबूत होगी।

भारत के निर्यात क्षेत्र पर प्रभाव

  1. निर्यात में वृद्धि – सुरक्षा कवच मिलने के बाद अधिक लोग निर्यात व्यापार से जुड़ेंगे।
  2. रोजगार सृजन – निर्यात बढ़ने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
  3. अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा – भारतीय निर्यातक अब अन्य देशों के साथ प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे।
  4. अर्थव्यवस्था को मजबूती – निर्यात बढ़ने से भारत की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।

योजना की चुनौतियाँ

  • ग्रामीण स्तर पर निर्यातकों तक योजना की जानकारी की कमी।
  • बैंकिंग प्रक्रिया अभी भी कई बार जटिल रहती है।
  • छोटे निर्यातकों को दस्तावेज़ीकरण में परेशानी।
  • योजना के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता।

निष्कर्ष

निर्यात ऋण विकास योजना (NIRVIK Scheme) भारतीय निर्यातकों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल उन्हें सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराती है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार के जोखिमों से भी सुरक्षा प्रदान करती है। खासकर MSME निर्यातक इस योजना से बड़ा लाभ उठा सकते हैं।

यदि इस योजना का सही ढंग से क्रियान्वयन होता है, तो यह भारत को वैश्विक निर्यात बाजार में अग्रणी बनाने में सहायक होगी और भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी।


FAQs – Niryat Rin Vikas Yojana (NIRVIK Scheme)

1. Niryat Rin Vikas Yojana क्या है?

Niryat Rin Vikas Yojana (NIRVIK Scheme) भारत सरकार की एक योजना है, जो निर्यातकों को सस्ते ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराती है। इसके तहत बैंक को Export Credit Guarantee Corporation of India (ECGC) से 90% तक का बीमा कवर मिलता है, जिससे निर्यातक को वित्तीय सुरक्षा मिलती है।

2. NIRVIK Scheme का मुख्य उद्देश्य क्या है?

इस योजना का उद्देश्य छोटे और मध्यम स्तर के निर्यातकों (MSME Exporters) को आसानी से वित्तीय सहायता देना, बैंक को जोखिम से बचाना और भारत के निर्यात क्षेत्र को मजबूती प्रदान करना है।

3. कौन NIRVIK योजना के तहत लाभ उठा सकता है?

भारत का कोई भी निर्यातक जो IEC (Import Export Code) के अंतर्गत पंजीकृत हो, NIRVIK योजना के लिए आवेदन कर सकता है। विशेष रूप से MSME Exporters को इसका लाभ ज्यादा मिलता है।

4. NIRVIK Scheme के तहत कितनी गारंटी कवर मिलती है?

इस योजना के तहत बैंक को 90% तक का बीमा कवर प्राप्त होता है, जो Export Credit Guarantee Corporation of India (ECGC) द्वारा प्रदान किया जाता है।

5. NIRVIK योजना के लिए आवेदन कैसे करें?

  1. अपने बैंक की शाखा में संपर्क करें।
  2. आवश्यक दस्तावेज़ जैसे – IEC Code, GSTIN, निर्यात अनुबंध आदि जमा करें।
  3. बैंक ECGC से गारंटी कवर के लिए आवेदन करेगा।
  4. स्वीकृति मिलने के बाद ऋण उपलब्ध कर दिया जाएगा।

6. NIRVIK Scheme से MSME Exporters को क्या लाभ होता है?

  • कम ब्याज दर पर ऋण मिलना।
  • विदेशी खरीदार से भुगतान न मिलने पर भी सुरक्षा।
  • अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रवेश करने का अवसर।
  • व्यापार को बढ़ाने में सहायता।

7. क्या यह योजना केवल छोटे निर्यातकों के लिए ही है?

नहीं, यह योजना सभी प्रकार के निर्यातकों के लिए उपलब्ध है। लेकिन MSME Exporters को विशेष प्राथमिकता दी जाती है ताकि वे आसानी से वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकें।

8. NIRVIK Scheme का लाभ उठाने से देश को क्या फायदा होता है?

  • देश का निर्यात बढ़ता है।
  • विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होता है।
  • रोजगार के नए अवसर बनते हैं।
  • भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनता है।

9. क्या NIRVIK Scheme का कोई शुल्क है?

इस योजना के लिए विशेष आवेदन शुल्क नहीं लिया जाता। लेकिन बैंक अपने मानक प्रक्रियाओं के तहत बैंकिंग शुल्क और अन्य प्रासंगिक शुल्क ले सकते हैं।

10. NIRVIK Scheme का आवेदन करने में कितना समय लगता है?

सामान्यतः बैंक और ECGC की प्रक्रिया पूरी होने में 15 से 30 दिन का समय लग सकता है। आवेदन की प्रक्रिया सरल है, लेकिन दस्तावेज़ीकरण सही ढंग से करना आवश्यक है।

मेरा नाम मोहित कुमार है में इस वेबसाइट का संस्थापक हु और में अपने ब्लॉग वेबसाइट पर भारतीय गवर्नमेंट की नई योजना के बारे में लोगो को जानकारी उपलब्ध करवाता हु ताकि वो उस योजना का लाभ उठा सके।

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