pandit dindayal upadhyay yojana kya hai
भारत सरकार ने हमेशा समाज के कमजोर वर्गों, गरीबों और बेरोजगार युवाओं के विकास के लिए कई योजनाएँ चलाई हैं। इन्हीं योजनाओं में से एक महत्वपूर्ण योजना है पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना। यह योजना ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में गरीब परिवारों, युवाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर केंद्रित है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना क्या है?
पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना को भारत सरकार ने गरीबों, बेरोजगार युवाओं, महिलाओं और कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू किया था। इसके अंतर्गत कई उप-योजनाएँ आती हैं जैसे –
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY)
- इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देकर रोजगार योग्य बनाना है।
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय शहरी जीविका मिशन (DAY-NULM)
- इसका लक्ष्य शहरी क्षेत्रों में गरीबों को स्वरोजगार और प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाना है।
- महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण
- ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में महिलाओं को SHG (Self Help Group) से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करना।
इस प्रकार यह योजना सिर्फ एक नहीं बल्कि कई स्तरों पर गरीबों और युवाओं के विकास की दिशा में काम करती है।
योजना की शुरुआत कब और क्यों हुई?
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का मानना था कि समाज का अंतिम व्यक्ति भी विकास की धारा से जुड़ा होना चाहिए। उनकी अंत्योदय की विचारधारा के आधार पर सरकार ने इस योजना की शुरुआत की।
- वर्ष 2014-15 में ग्रामीण कौशल विकास को गति देने के लिए DDU-GKY की शुरुआत की गई।
- DAY-NULM को शहरी गरीबों के लिए लागू किया गया।
- इसका लक्ष्य था कि गरीब परिवारों के युवाओं को रोजगार और प्रशिक्षण मिल सके और महिलाएँ आत्मनिर्भर बन सकें।
योजना के मुख्य उद्देश्य
- गरीबी उन्मूलन – गरीबों को कौशल, प्रशिक्षण और रोजगार देकर गरीबी कम करना।
- कौशल विकास – युवाओं को आधुनिक तकनीकी और प्रोफेशनल स्किल्स सिखाना।
- महिला सशक्तिकरण – महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराना।
- स्वरोजगार को बढ़ावा – लोन और वित्तीय सहायता देकर छोटे व्यवसाय शुरू करने में मदद।
- समान अवसर – समाज के हर वर्ग (SC, ST, OBC, अल्पसंख्यक, दिव्यांग) को समान अवसर उपलब्ध कराना।
योजना के तहत मिलने वाले लाभ
1. प्रशिक्षण और कौशल विकास
- ग्रामीण और शहरी युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों जैसे IT, हॉस्पिटैलिटी, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन, ऑटोमोबाइल आदि में ट्रेनिंग दी जाती है।
- ट्रेनिंग मुफ्त होती है।
2. रोजगार की गारंटी
- DDU-GKY के तहत युवाओं को ट्रेनिंग के बाद रोजगार दिलाने की जिम्मेदारी सरकार लेती है।
- युवाओं को न्यूनतम वेतनमान के अनुसार नौकरी उपलब्ध कराई जाती है।
3. महिला सशक्तिकरण
- महिला SHG को 10 से 20 महिलाओं का समूह बनाकर बैंक लोन दिलवाया जाता है।
- इन लोन की मदद से महिलाएँ सिलाई, ब्यूटी पार्लर, डेयरी, हस्तशिल्प आदि कार्य शुरू कर सकती हैं।
4. वित्तीय सहायता और लोन
- शहरी और ग्रामीण गरीबों को छोटे-मोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए आसान शर्तों पर लोन मिलता है।
- लोन पर ब्याज दर भी बहुत कम होती है।
5. अन्य सुविधाएँ
- ट्रेनिंग के दौरान यात्रा भत्ता, यूनिफॉर्म, किताबें और स्टाइपेंड भी दिया जाता है।
- दिव्यांग युवाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण प्रावधान।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना से जुड़ी प्रमुख उप-योजनाएँ
- Deen Dayal Upadhyaya Grameen Kaushalya Yojana (DDU-GKY)
- ग्रामीण युवाओं के लिए।
- आयु सीमा: 15 से 35 वर्ष (कुछ श्रेणियों के लिए 45 वर्ष तक)।
- देशभर में 600 से ज्यादा ट्रेनिंग पार्टनर।
- Deendayal Antyodaya Yojana – National Urban Livelihoods Mission (DAY-NULM)
- शहरी गरीबों को रोजगार और कौशल।
- छोटे व्यवसाय और स्वरोजगार के लिए लोन।
- Self Help Groups (SHG) Promotion
- महिलाओं को संगठित कर आत्मनिर्भर बनाना।
आवेदन प्रक्रिया
पात्रता
- गरीब परिवार से होना चाहिए।
- आयु सीमा: 15-35 वर्ष।
- ग्रामीण या शहरी दोनों युवा आवेदन कर सकते हैं।
- SC, ST, OBC, अल्पसंख्यक और दिव्यांग युवाओं को प्राथमिकता।
आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक खाता विवरण
आवेदन कैसे करें?
- इच्छुक उम्मीदवार पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
- नज़दीकी कौशल विकास केंद्र या नगर निगम/पंचायत कार्यालय से भी रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है।
- आवेदन के बाद लाभार्थी को ट्रेनिंग और रोजगार की प्रक्रिया से जोड़ा जाता है।
योजना के फायदे
- लाखों युवाओं को नौकरी और प्रशिक्षण।
- महिलाओं को रोजगार और आर्थिक आज़ादी।
- छोटे व्यवसाय को बढ़ावा।
- गरीबी में कमी।
- ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों का विकास।
योजना से समाज पर प्रभाव
- लाखों युवाओं को नौकरी मिल चुकी है।
- महिलाएँ आत्मनिर्भर बन रही हैं।
- ग्रामीण इलाकों में पलायन कम हुआ है क्योंकि स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल रहा है।
- छोटे उद्योग और स्वरोजगार में वृद्धि हुई है।
निष्कर्ष
पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना भारत सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है, जो सीधे गरीब और बेरोजगार लोगों को आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि युवाओं को सिर्फ प्रशिक्षण ही नहीं बल्कि रोजगार की गारंटी भी मिलती है।
आज के समय में जब बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है, यह योजना युवाओं और महिलाओं के लिए उम्मीद की किरण है। आने वाले समय में इस योजना के विस्तार से न केवल गरीबी में कमी आएगी बल्कि भारत आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक और कदम बढ़ाएगा।
FAQs – पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना
1. पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना क्या है?
पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना एक सरकारी पहल है, जिसका उद्देश्य गरीबों, बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को कौशल विकास, रोजगार और स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है।
2. इस योजना की शुरुआत कब हुई थी?
यह योजना भारत सरकार द्वारा 2014-15 में शुरू की गई थी, ताकि ग्रामीण और शहरी गरीबों को रोजगार और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान किए जा सकें।
3. पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
इस योजना के मुख्य उद्देश्य हैं – गरीबी उन्मूलन, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण, स्वरोजगार को बढ़ावा और समाज के कमजोर वर्गों को समान अवसर देना।
4. इस योजना के तहत कौन-कौन से लाभ मिलते हैं?
लाभार्थियों को प्रशिक्षण, नौकरी, स्वरोजगार के लिए लोन, महिला SHG के माध्यम से आर्थिक सहायता, यात्रा भत्ता, स्टाइपेंड, यूनिफॉर्म और किताबें जैसी सुविधाएँ मिलती हैं।
5. कौन लोग इस योजना के लिए पात्र हैं?
गरीब परिवारों के युवा, जिनकी आयु 15-35 वर्ष के बीच हो। कुछ विशेष श्रेणियों के लिए आयु सीमा 45 वर्ष तक हो सकती है। SC, ST, OBC, अल्पसंख्यक और दिव्यांग युवाओं को प्राथमिकता दी जाती है।
6. आवेदन कैसे किया जा सकता है?
आप आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं या नज़दीकी कौशल विकास केंद्र, नगर निगम/पंचायत कार्यालय से आवेदन कर सकते हैं। आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो और बैंक खाता विवरण शामिल हैं।
7. इस योजना से महिलाओं को क्या लाभ मिलता है?
महिलाओं को SHG (Self Help Group) से जोड़कर लोन, प्रशिक्षण और स्वरोजगार के अवसर दिए जाते हैं। इसके माध्यम से महिलाएँ छोटे व्यवसाय जैसे सिलाई, ब्यूटी पार्लर, डेयरी और हस्तशिल्प में काम कर सकती हैं।
8. योजना का समाज पर क्या प्रभाव पड़ा है?
योजना से लाखों युवाओं को रोजगार और प्रशिक्षण मिला है। ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन कम हुआ है और महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण बढ़ा है।
9. क्या यह योजना सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों के लिए है?
नहीं, यह योजना ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के गरीब और बेरोजगार लोगों के लिए है।
10. पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना से कैसे लाभ उठाया जा सकता है?
योजना के तहत प्रशिक्षण केंद्रों में शामिल होकर कौशल विकास करें, नौकरी के अवसरों का लाभ लें और SHG के माध्यम से स्वरोजगार या लोन का लाभ उठाएँ।
मेरा नाम मोहित कुमार है में इस वेबसाइट का संस्थापक हु और में अपने ब्लॉग वेबसाइट पर भारतीय गवर्नमेंट की नई योजना के बारे में लोगो को जानकारी उपलब्ध करवाता हु ताकि वो उस योजना का लाभ उठा सके।
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