पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Yojana) 2025: किसानों के लिए सौर ऊर्जा से कमाई और लाभ की पूरी जानकारी
भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा किसानों पर आधारित है। लंबे समय से किसानों को सिंचाई के लिए बिजली और डीज़ल पर निर्भर रहना पड़ता था, जिसकी वजह से खेती की लागत बढ़ती जा रही थी। इसी समस्या का समाधान करने के लिए सरकार ने एक क्रांतिकारी योजना शुरू की – प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM Kusum Yojana)।
यह योजना न केवल किसानों की सिंचाई की समस्या को हल करती है, बल्कि उन्हें आय का अतिरिक्त स्रोत भी उपलब्ध कराती है। इस योजना के तहत किसान अपने खेतों में सोलर पंप लगवा सकते हैं, सौर ऊर्जा से बिजली बना सकते हैं और जरूरत से ज्यादा बिजली को बिजली कंपनियों को बेचकर अच्छी कमाई कर सकते हैं।
इस ब्लॉग पोस्ट में हम विस्तार से समझेंगे –
- पीएम कुसुम योजना क्या है?
- इसकी पात्रता और जरूरी दस्तावेज
- आवेदन प्रक्रिया
- किसानों को मिलने वाले लाभ
- निवेश और सब्सिडी की जानकारी
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
तो आइए विस्तार से जानते हैं –
पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Yojana) क्या है?
PM Kusum Yojana का पूरा नाम है – Pradhan Mantri Kisan Urja Suraksha Evam Utthaan Mahabhiyan। इस योजना की शुरुआत 2019 में की गई थी।
इसका मुख्य उद्देश्य है –
- किसानों को सौर ऊर्जा से सिंचाई की सुविधा देना।
- डीज़ल और ग्रिड बिजली पर निर्भरता कम करना।
- किसानों को अतिरिक्त आय का स्रोत उपलब्ध कराना।
- ग्रामीण इलाकों में सौर ऊर्जा का विस्तार करना।
सरकार ने इस योजना के लिए कई चरणों में काम करने का लक्ष्य रखा है और 2026 तक लगभग 30.8 गीगावॉट (GW) सौर ऊर्जा स्थापित करने का टारगेट रखा गया है।
पीएम कुसुम योजना की मुख्य विशेषताएँ
- सोलर पंप की सुविधा – किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पंप उपलब्ध कराए जाते हैं।
- 90% तक सब्सिडी – किसानों को सोलर पंप पर लगभग 60% सब्सिडी मिलती है, 30% ऋण के रूप में और केवल 10% किसान को स्वयं देना होता है।
- बिजली उत्पादन से कमाई – किसान खेत में सोलर पैनल लगाकर अतिरिक्त बिजली को DISCOMs (बिजली वितरण कंपनियों) को बेच सकते हैं।
- डीजल पर निर्भरता खत्म – अब सिंचाई के लिए डीजल पर खर्च करने की जरूरत नहीं रहेगी।
- ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा – इससे पर्यावरण को भी लाभ होगा।
पीएम कुसुम योजना के तीन मुख्य घटक
योजना को तीन हिस्सों में बांटा गया है:
1. घटक-A (Component A): ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट
- किसानों को 500 किलोवाट तक का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की अनुमति है।
- बनी हुई बिजली को सीधे DISCOM को बेच सकते हैं।
- इससे किसानों को नियमित फिक्स्ड इनकम मिलती है।
2. घटक-B (Component B): स्टैंडअलोन सोलर पंप
- किसानों को 7.5 HP तक के सोलर पंप सब्सिडी पर दिए जाते हैं।
- यह पंप बिजली या डीजल पर निर्भर नहीं होते।
3. घटक-C (Component C): ग्रिड कनेक्टेड पंपों का सोलराइजेशन
- पहले से मौजूद ग्रिड कनेक्टेड पंपों को सोलराइज किया जाता है।
- किसान अपनी जरूरत की बिजली लेकर बाकी बची बिजली बेच सकते हैं।
पीएम कुसुम योजना के लाभ
किसानों के लिए
✅ सिंचाई की लागत कम होगी।
✅ डीज़ल और बिजली पर खर्च खत्म।
✅ अतिरिक्त आय का स्रोत।
✅ बिजली कटौती की समस्या से छुटकारा।
सरकार और देश के लिए
✅ ग्रामीण इलाकों में सौर ऊर्जा का विकास।
✅ डीज़ल पर निर्भरता कम होने से प्रदूषण घटेगा।
✅ ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा।
पीएम कुसुम योजना के लिए पात्रता (Eligibility)
- लाभार्थी भारतीय किसान होना चाहिए।
- किसान के पास खेती की जमीन होनी चाहिए।
- व्यक्तिगत किसान, समूह, सहकारी समितियाँ, किसान उत्पादक संगठन (FPOs) सभी आवेदन कर सकते हैं।
- पहले से सरकारी नौकरी वाले किसान इसमें आवेदन नहीं कर सकते।
पीएम कुसुम योजना के लिए जरूरी दस्तावेज
- आधार कार्ड
- भूमि के कागजात (खसरा/खतौनी)
- बैंक खाता पासबुक
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
- निवास प्रमाण पत्र
पीएम कुसुम योजना में आवेदन कैसे करें?
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया:
- सबसे पहले राज्य की नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग (NREDCAP / RRECL आदि) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- “PM Kusum Yojana” सेक्शन पर क्लिक करें।
- नया रजिस्ट्रेशन करें और मांगी गई जानकारी भरें।
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन शुल्क (यदि लागू हो) का भुगतान करें।
- आवेदन सबमिट करने के बाद पंजीकरण संख्या प्राप्त करें।
ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया:
- किसान नजदीकी DISCOM ऑफिस, कृषि विभाग कार्यालय या नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी में जाकर भी आवेदन कर सकते हैं।
सब्सिडी और निवेश की जानकारी
मान लीजिए एक किसान 5 HP का सोलर पंप लगाना चाहता है जिसकी लागत लगभग ₹2.5 लाख है।
- केंद्र सरकार की सब्सिडी – 30% (₹75,000)
- राज्य सरकार की सब्सिडी – 30% (₹75,000)
- किसान का योगदान – 10% (₹25,000)
- बाकी 30% किसान बैंक लोन से प्राप्त कर सकता है।
यानी, किसान को केवल ₹25,000 से ₹50,000 तक का निवेश करना होगा।
पीएम कुसुम योजना से कमाई कैसे करें?
- किसान खेत में सोलर पैनल लगाकर जरूरत से ज्यादा बिजली बना सकते हैं।
- अतिरिक्त बिजली को DISCOMs को बेच सकते हैं।
- प्रति यूनिट ₹3 – ₹5 तक की दर से बिजली बेचकर सालाना ₹60,000 से ₹1,00,000 तक अतिरिक्त आय हो सकती है।
पीएम कुसुम योजना 2025 के अपडेट
- सरकार ने 2026 तक 30.8 GW क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
- अब तक लाखों किसान इस योजना का लाभ ले चुके हैं।
- डिजिटल आवेदन प्रक्रिया आसान की गई है।
- कई राज्यों में 100% ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू हो चुकी है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. पीएम कुसुम योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
👉 किसानों को सोलर पंप उपलब्ध कराना और उन्हें अतिरिक्त आय का स्रोत देना।
Q2. इसमें कितनी सब्सिडी मिलती है?
👉 किसानों को 90% तक सब्सिडी (केंद्र + राज्य सरकार) दी जाती है।
Q3. आवेदन कहां करें?
👉 राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी या DISCOM की आधिकारिक वेबसाइट पर।
Q4. क्या छोटे किसान भी लाभ उठा सकते हैं?
👉 हां, छोटे और सीमांत किसान भी इस योजना का हिस्सा बन सकते हैं।
Q5. बिजली बेचने से किसान को कितनी आय होगी?
👉 किसान सालाना ₹60,000 से ₹1,00,000 तक कमा सकते हैं।
निष्कर्ष
पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Yojana) किसानों के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। इससे किसान अपनी सिंचाई की लागत कम कर सकते हैं, बिजली बना सकते हैं और अतिरिक्त बिजली बेचकर स्थायी आय अर्जित कर सकते हैं।
यह योजना न केवल किसानों को आत्मनिर्भर बनाती है, बल्कि देश को भी ग्रीन एनर्जी की दिशा में आगे बढ़ाती है। अगर आप भी किसान हैं और अपनी आय बढ़ाना चाहते हैं, तो आज ही PM Kusum Yojana का हिस्सा बनें।