अटल भूजल योजना: किसानों और जल संरक्षण के लिए एक क्रांतिकारी कदम
भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहाँ की लगभग 60% आबादी सीधे या परोक्ष रूप से खेती पर निर्भर है। लेकिन आज के समय में सबसे बड़ी चुनौती भूजल स्तर (Groundwater Level) की गिरावट है। कई राज्यों में पानी की भारी कमी है, जिसके कारण सिंचाई, पेयजल और औद्योगिक जरूरतों पर गहरा असर पड़ रहा है। इसी समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने “अटल भूजल योजना (Atal Bhujal Yojana)” की शुरुआत की।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है – भूजल का संरक्षण, जल स्तर बढ़ाना और किसानों को जल के बेहतर प्रबंधन के लिए जागरूक करना।
इस ब्लॉग पोस्ट में हम विस्तार से जानेंगे –
- अटल भूजल योजना क्या है?
- इसकी शुरुआत कब और क्यों हुई?
- योजना के मुख्य उद्देश्य
- किन राज्यों में लागू है?
- योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ
- किसानों और ग्रामीण समाज के लिए इसके फायदे
- जल संकट से निपटने में इसकी भूमिका
- सरकार की भविष्य की रणनीति
अटल भूजल योजना क्या है?
अटल भूजल योजना (Atal Bhujal Yojana – Atal Jal) भारत सरकार की एक केंद्रीय क्षेत्र योजना (Central Sector Scheme) है, जिसे जल शक्ति मंत्रालय (Ministry of Jal Shakti) द्वारा संचालित किया जा रहा है।
यह योजना भूजल संसाधन प्रबंधन (Groundwater Management) और समुदाय की भागीदारी (Community Participation) पर आधारित है। यानी इस योजना में सिर्फ सरकार ही नहीं, बल्कि स्थानीय ग्रामीण समुदाय, पंचायतें और किसान भी सक्रिय रूप से भाग लेंगे।
योजना की सबसे खास बात यह है कि यह सिर्फ भूजल निकालने पर रोक लगाने तक सीमित नहीं है, बल्कि भूजल का पुनर्भरण (Recharge), वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting), फसल चक्र (Crop Rotation) और पानी की मांग को कम करने वाली आधुनिक तकनीकों को अपनाने पर भी जोर देती है।
अटल भूजल योजना की शुरुआत कब हुई?
- इस योजना की घोषणा 2019 में की गई थी।
- इसे 25 दिसम्बर 2019 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर लॉन्च किया गया।
- योजना की कुल लागत लगभग 6000 करोड़ रुपये तय की गई थी।
- इसमें 3000 करोड़ रुपये भारत सरकार और 3000 करोड़ रुपये विश्व बैंक (World Bank) द्वारा दिए जा रहे हैं।
अटल भूजल योजना का मुख्य उद्देश्य
योजना का लक्ष्य है – भूजल संकटग्रस्त क्षेत्रों (Water Stressed Areas) में जल प्रबंधन को सुधारना और ग्रामीण स्तर पर लोगों को इसके लिए जागरूक करना।
इसके मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- भूजल स्तर का संरक्षण और सुधार
- तेजी से घटते भूजल स्तर को नियंत्रित करना।
- अधिक से अधिक वर्षा जल को संग्रहित कर भूजल स्तर बढ़ाना।
- समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करना
- पंचायत स्तर पर जल प्रबंधन की योजनाएं बनाना।
- किसानों को फसल चक्र बदलने और पानी बचाने के तरीके सिखाना।
- पानी के उपयोग में दक्षता (Efficiency) बढ़ाना
- ड्रिप इरिगेशन (Drip Irrigation) और स्प्रिंकलर जैसी तकनीकों को अपनाना।
- फसलों के चयन में पानी की खपत पर ध्यान देना।
- भविष्य के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित करना
- आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्याप्त जल संसाधन बचाना।
किन राज्यों में लागू है अटल भूजल योजना?
योजना को 7 राज्यों के 78 जिलों के 8350 गाँवों में लागू किया गया है। ये राज्य भूजल संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित माने जाते हैं।
अटल भूजल योजना लागू राज्य:
- गुजरात
- हरियाणा
- कर्नाटक
- मध्य प्रदेश
- महाराष्ट्र
- राजस्थान
- उत्तर प्रदेश
इन राज्यों के चयन का कारण है – यहाँ पर भूजल का अत्यधिक दोहन, घटता जल स्तर और किसानों में बढ़ती सिंचाई की समस्या।
योजना की कार्यप्रणाली (How it Works?)
अटल भूजल योजना का संचालन “सामुदायिक भागीदारी” पर आधारित है।
- ग्राम पंचायत स्तर पर योजना तैयार करना
- हर पंचायत अपने गाँव के लिए “भूजल प्रबंधन योजना (Water Security Plan)” बनाएगी।
- जल उपयोग की निगरानी
- भूजल स्तर की निगरानी के लिए आधुनिक तकनीक और डिजिटल टूल्स का इस्तेमाल होगा।
- किसानों को प्रशिक्षण
- फसल चक्र बदलने, ड्रिप सिंचाई और कम पानी वाली फसलों के उपयोग के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- वित्तीय सहायता
- गाँव की पंचायतों को Performance Based Grant दिया जाएगा।
- जो पंचायतें बेहतर काम करेंगी, उन्हें अधिक फंड मिलेगा।
अटल भूजल योजना के लाभ
- किसानों को सीधा फायदा
- पानी की बचत होने से सिंचाई लागत कम होगी।
- आधुनिक तकनीकों से फसल उत्पादन में वृद्धि होगी।
- भूजल स्तर में सुधार
- वर्षा जल संचयन और पुनर्भरण से पानी का स्तर बढ़ेगा।
- गाँवों का विकास
- पंचायतों को वित्तीय प्रोत्साहन मिलेगा।
- गाँव आत्मनिर्भर बनेंगे।
- पर्यावरण संरक्षण
- जल का संतुलित उपयोग होगा।
- जलवायु परिवर्तन (Climate Change) से निपटने में मदद मिलेगी।
किसानों के लिए अटल भूजल योजना के फायदे
- कम लागत में खेती – आधुनिक सिंचाई तकनीक अपनाने से लागत कम होगी।
- पानी बचाने वाली फसलें – चावल और गन्ने जैसी अधिक पानी वाली फसलों की बजाय दालें, बाजरा, ज्वार जैसी कम पानी वाली फसलें बोई जा सकेंगी।
- आय में वृद्धि – लागत घटने और उत्पादन बढ़ने से किसानों की आय में वृद्धि होगी।
- जल संकट से राहत – आने वाले वर्षों में किसानों को पानी की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
जल संकट से निपटने में योजना की भूमिका
भारत विश्व का सबसे बड़ा भूजल उपयोग करने वाला देश है। लेकिन जलवायु परिवर्तन, बारिश में कमी और तेजी से बढ़ती आबादी के कारण भूजल पर दबाव बढ़ गया है।
अटल भूजल योजना इससे निपटने का सबसे बड़ा समाधान है क्योंकि यह –
- लोगों को पानी बचाने की आदत डालती है।
- भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा देती है।
- सरकारी और सामुदायिक स्तर पर मिलकर काम करती है।
भविष्य की रणनीति
सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना को आगे और भी राज्यों में लागू किया जाए। भविष्य में –
- सभी पंचायतों को जल प्रबंधन योजना बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- जल संरक्षण के लिए नई तकनीकों को अपनाया जाएगा।
- किसानों को पानी की बचत वाली फसलों की ओर प्रेरित किया जाएगा।
निष्कर्ष
अटल भूजल योजना (Atal Bhujal Yojana) भारत में जल संकट से निपटने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।
यह योजना केवल सरकारी प्रयास नहीं है, बल्कि इसमें गाँव, पंचायत और किसानों की भागीदारी भी शामिल है। इस योजना से –
- जल स्तर सुधरेगा
- खेती की लागत कम होगी
- किसानों की आय बढ़ेगी
- पर्यावरण की रक्षा होगी
अटल जी का सपना था – “समृद्ध भारत, सशक्त भारत” और यह योजना उसी दिशा में एक मजबूत कदम है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: अटल भूजल योजना कब शुरू हुई?
उत्तर: यह योजना 25 दिसम्बर 2019 को शुरू हुई।
प्रश्न 2: अटल भूजल योजना किन राज्यों में लागू है?
उत्तर: गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश।
प्रश्न 3: योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: भूजल का संरक्षण, स्तर सुधारना और किसानों को जल प्रबंधन के प्रति जागरूक करना।
प्रश्न 4: इस योजना से किसानों को क्या फायदा होगा?
उत्तर: पानी बचाने, सिंचाई की लागत घटाने और फसल उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।
प्रश्न 5: योजना का बजट कितना है?
उत्तर: लगभग 6000 करोड़ रुपये (जिसमें 3000 करोड़ रुपये भारत सरकार और 3000 करोड़ रुपये विश्व बैंक से)।